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सानिया भारत छोडो

अंगार
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(पाठकों से खेद है कि पूर्व प्रकाशित पोस्ट “सानिया हम पर रहम करो” गलती से अधूरी पोस्ट हो गयी थी, इसलिए पुनः वही पोस्ट पूर्ण रूप में प्रस्तुत है)

 

23 दिसंबर, लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने कहा कि वह रिटायरमेंट तक भारत के लिए ही खेलेंगी। बकौल सानिया, ‘पाकिस्तान में ससुराल और दुबई में घर होने से यह मतलब नहीं कि मेरा भारत से कोई नाता नहीं। मैं अपने रिटायरमेंट की उम्र तक अपने भारत के लिए ही खेलूंगी।उनके पति और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने भी उन्हें भारत के लिए खेलने से मना नहीं किया। देश के महिला टेनिस भविष्य पर चिंता जताते हुए सानिया ने कहा कि यह देखकर निराशा होती है कि तमाम प्रतिभाएं होने के बावजूद भारतीय महिलाएं टेनिस में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं. सानिया ने कहा की चाहे कुछ भी हो जाये भारत के लिए खेलना नहीं छोडूंगी.
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‘भारत के लिए ही खेलूंगी’, सानिया ने साफ की अपनी मंशा

हे सानिया देवी आप फिर लौट के हिन्दुस्तान आ गयीं. क्या तुम्हारा बैंक बैलेन्स खत्म हो गया है या उसे और बढ़ाना है, क्योंकि इस देश के अलावा और कहीं आपकी सनसनाहट कोई नहीं सुनता. हे देवी, अब आप पाकिस्तान की बेगम बन चुकी हैं, क्या आपका ससुराल के प्रति कोई फर्ज नहीं बनता? जब आपने खुद ही पाकिस्तान और दुबई को घर मान ही लिया है तब आप पाकिस्तान या दुबई की सनसनी क्यों नहीं बन जातीं? इस देश में पहले ही आप काफी सनसनाहट मचा चुकी हैं, क्या आप में अभी भी झाग बचा हुआ है या पुराने झाग और सनसनाहट को फिर से कैश करना चाहती हैं. और शोएब मलिक तुम्हे भारत से खेलने के लिए मना क्यों करेंगे भला? उनकी अपनी दूकान तो ठप्प हो ही चुकी है, अब तुम यहाँ से अभी तक बटोर रही हो तो शोएब मलिक को दिक्कत क्यों होगी. बल्कि कभी-कभी तो मुझे डर भी लगता है कि कहीं शोएब मालिक भी घर-जवाईं होकर यहीं न बस जाएँ जैसे पहले ही कई पाकिस्तानी क्रिकेटर और कलाकार यहाँ अपनी दुकान चला रहे हैं. इस सोने की चिड़िया को तो प्राचीन काल से ही न जाने कितने ही गजनवी लूट चुके हैं, तुम भी लूटो. और कहीं तुम रिटायर्मेंट की उम्र कहीं सरकारी सेवा के हिसाब से (६० वर्ष) तो नहीं जोड़ रहीं?
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महिला टेनिस के भविष्य पर जताई चिंता
सानिया ने कहा कि क्रिकेट ही भारत का ‘स्पोर्ट्स कल्चर’ है। सानिया ने कहा कि धन के अभाव या बदकिस्मती की वजह से देश में उनके अलावा कोई महिला टेनिस खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक नहीं उभर सकी। हमें धैर्य रखकर नए खिलाड़ियों का इंतजार करना होगा।’
हे अभूतपूर्व भारतीय सनसनी क्या बतायेंगी की तुम्हें इस देश में धन का कब-कब अभाव रहा और कब-कब तुम बदकिस्मत रहीं? तुम्हारा हैदराबाद में बंजारा हिल्स पर जो बंगला है, वैसा तो अभी तक हमारे क्रिकेट के कोहिनूर सचिन के पास भी नहीं है. सुना है यह प्लाट तुम्हे आंध्र प्रदेश सरकार ने दिया था और काफी पैसा भी दिया था.

आप कहती हैं कि ……..हमें धैर्य रखकर नए खिलाड़ियों का इंतजार करना होगा……हे देवी जब तक तुम जाओगी ही नहीं तब तक तो इन्तजार करना ही पड़ेगा. कृपया नए खिलाडियों के लिए अब तो रास्ता छोड़ दो और अपनी ससुराल पाकिस्तान के लिए जाकर खेलो ताकि पाकिस्तान में भी कुछ सनसनाहट हो सके.
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सचिन को भारत रत्न देने की पैरवी की
हे नथनी धारणी, सचिन को क्या देना है क्या नहीं इस देश के लोग जानते हैं और तुम्हारी पैरवी की सचिन को कोई जरूरत नहीं है. इससे बेहतर तो यह होगा है कि तुम पाकिस्तान सरकार से शोएब मलिक के लिए पाकिस्तान रत्न की मांग करो. हो सकता है, पकिस्तान में सटोरियों, बेईमानों, और धोखेबाजों के लिए इस तरह का कोई पुरस्कार होता हो और तुम्हारी सनसनाती हुई सिफारिश से शोएब को ये पुरस्कार मिल जाए. वैसे तुम दोनों जैसे रिश्तों के प्रति बेवफाओं के लिए कुछ न कुछ पुरस्कार तो होना ही चाहिए.

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सचिन के दौर में पैदा होने पर गर्व
तुम्हें सचिन के दौर में पैदा होने पर गर्व है, और हमें तो सचिन के और खुद के इस देश में पैदा होने पर गर्व है. यहीं पैदा हुए हैं, यहीं जियेंगे और इसी हिन्दुस्तान की मिटटी में ख़ाक होंगे, कोई चाहे तो आज ही ये वसीयत लिखवा ले. तुम करो गर्व दौर पे, पाकिस्तान और दुबई पे, हमें गर्व है इस सरजमीने हिन्दुस्तान पे.
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सानिया मिर्जा का लक्ष्य अब ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का. सानिया फिटनेस पर काफी मेहनत कर रही हैं। वह इसके लिए पंसदीदा बिरयानी तक से परहेज कर रही हैं।
हे मिनी स्कर्ट श्रेष्ठ्नी, क्या इस देश के लोगों को बेवकूफ समझ रखा है की उन्हें बहलाने की कोशिश कर रही हो. भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की तुम चिंता न करो, ये हमारे खिलाड़ी संभाल लेंगे, तुम तो अपने ससुराल का मान बढ़ाने की कोशिश करो. वैसे भी तुम्हारे खेल का स्तर ओलंपिक के लायक नहीं है. तुम तो खेलो पाकिस्तान ओपन, दुबई ओपन, क़तर ओपन, बांग्लादेश ओपन जैसे छोटे-मोटे टूर्नामेंट जो की तुम्हारा स्तर है. हे सुंदरी अब अपना घर संभालो और जी भर के बिरयानी खाओ, आखिर इतना पैसा कमाया किसलिए है?
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    और अंत में चलते-चलते फिल्म ’23rd मार्च १९३१ शहीद’ के गाने की कुछ पंक्तियाँ- 
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      जय हिंद, जय हिन्दुस्तान.
  • सांस है जब तलक न रुकेंगे कदम
    चल पड़े हैं तो मंजिल को पायेंगे
    जान प्यारी नहीं है वतन से हमे
    मरते-मरते सभी को बता जायेंगे
    ए वतन ए वतन ए वतन

     

     

      वो जवानी जो खूँ को जलाती नहीं
      वो वतन के लिए रंग लाती नहीं
      दाग लेके ग़ुलामी का क्यों हम जियें
      सोच कर रातों को नींद आती नहीं

    हमने तय कर लिया हमने ली है कसम
    खून से अपने सीचेंगे हम ये चमन
    जान लेके हथेली पे हम चल दिए
    बांध कर सर पे निकले हैं हम ये कफ़न
    ए वतन ए वतन ए वतन……….

     

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