अंगार
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मैं जीता हूँ इस आशा में शायद,
कल और कुछ नए फूल खिलेंगे,
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें,
कभी तो शायद ये हालात बदलेंगे
शायद कल हो जाए बारिश और
धुल जाए इस बुरे वक्त की गर्द,
हम पर भी तो जम गई है धूल,
कल हम भी बारिश में निकलेंगे
बारिशों से धुल कर निखरें शायद
बुरे वक्त और मौसम के हालात,
अच्छे मौसम में तुम साथ रहे तो
पक्का है मुझसे कुछ लोग जलेंगे
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