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तुम इतनी जल्दी भूल गए!

अंगार
अंगार
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आजाद हो अपना ये वतन
और गुलामी की बेड़ियाँ न रहें
इसलिए हमने हर जुल्म सहे और
हँसते-हँसते फांसी झूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
तुम इतनी जल्दी भूल गए|



हम भी थे आँखों के तारे
अपने घर के राजदुलारे
पर जब से धरती को माँ समझा
घर, माँ-बाप सब भूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
तुम इतनी जल्दी भूल गए|



हम पर भी था नवयौवन आया
हम भी चढ़ सकते थे घोडी पर
बना लिया कफ़न को सेहरा
और फांसी पर झूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
तुम इतनी जल्दी भूल गए|



इस धरती की पूजा की हमने
इसकी खातिर ही प्राण दिये
गांधी-नेहरु ही याद रहे सबको,
शहीदों की शहादत सब भूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
तुम इतनी जल्दी भूल गए|



लहू हमारा भी गर पानी होता
हम भी सत्ता का सुख पाते,
हमारी संतानें राज करेंगी,
हम ये हिसाब लगाना भूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
तुम इतनी जल्दी भूल गए|



शहीदों की शहादत को
इस कदर बिसराया है तुमने
कि पाकिस्तान में याद हुए हम
पर हिन्दुस्तानी भूल गए
यकीं नहीं होता है हमको
हमारे अपने ही भूल गए|

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