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भारतीयों अरहर छोडो

अंगार
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अरहर की दाल २०० रु किलो हो गई, प्याज भी ७०-८० तक पहुंच गया, उड़द भी महंगी हो गई, सरसों का तेल भी छौंका मार रहा है, यानी कि हर चीज महंगी हो गई है| जनता के दिलों में बड़े अरमान थे नरेंद्र मोदी को लेकर, सब धरे के धरे रह गए| अच्छे दिनों के इंतजार में आँखें पथराने लगी हैं लेकिन अच्छे दिन हैं कि आते ही नहीं| कमबख्त काला धन भी विदेशों में जैसे अंगद का पाँव जमाकर बैठ गया है, वापस ही नहीं आता| छोटा राजन आ सकता है, हो सकता है दाउद भी आ जाए लेकिन काला धन लाना बड़ा मुश्किल काम लगता है| अख़लाक़ क्या मरा देश के बुद्धिजीवियों की अंतरात्मा उन्हें कचोटने लगी, सम्मान अपमान प्रतीत होने लगे| पहली बार देखा कि बुद्धिजीवी भी भेडचाल चल सकते हैं| बीफ खाने की घोषणा करना गर्व और अभिमान का प्रतीक बन गया| शाहरुख़ खान के पेट में भी दर्द उठा कि वो भी राष्ट्रीय सम्मान वापस करे लेकिन क्या करे बेचारे को पता नहीं है कि पद्मश्री इस देश का चौथा सबसे बड़ा सिविलियन सम्मान है| अभी सलमान खान के पेट में दर्द नहीं उठा वर्ना वो भी २४ घंटे कुत्ते फेल, कुकुरमुत्ता छाप चैनलों को पकाऊ मसाला दे देता|

देश में लोकतांत्रिक सरकार है, पुलिस है, क़ानून है लेकिन इस देश के सम्मान को बचाने का ठेका शिवसेना के पास है| सरकार पाकिस्तानी कलाकारों, खिलाडियों को देश में बुलाती है तो शिवसेना भगा देती है| कभी पिच खोद देती है, कभी टोल नाके तोड़ देती है, कभी बिहारियों को पीटती है| महाराष्ट्र के मेंढक कहीं और निकलें तो उनको अपनी औकात पता चले|

बजरंगी भाई जान ने धूम मचाई तो पाकिस्तान में भारत की मुन्नी (गीता) भी मिल गई| मुन्नी मिल गई तो ५-७ दावेदार भी पैदा हो गए| फिर एक बचा तो मुन्नी ने उसे पहचाना ही नहीं| अब डीएनए टेस्ट पर उम्मीद टिकी है, कम्बखत एक बार मैच कर जाए किसी तरह से तो मुन्नी किस्मत बना देगी| और ये कमबख्त इधी फाउन्डेशन वाले, पाकिस्तानी होकर भी अच्छे कैसे हो सकते हैं? और ऊपर से भारत सरकार के दिए एक करोड़ भी नहीं ले रहे| पता नहीं क्या साबित करना चाहते हैं| कितने भी अच्छे बन लें लेकिन हिन्दुस्तान से दोस्ती की उम्मीद न रखें| पाकिस्तान ने गीता लौटा दी तो क्या, हिन्दुस्तान ने भी पकिस्तान को सानिया और करीना जैसी बहुएं दी हैं| और तो और एक हिन्दुस्तानी मोहतरमा ने अभी अभी घोषणा की है कि उन्होंने अपनी जवानी शाहिद आफरीदी को सौंप दी है और अपने हिन्दुस्तानी भाइयों को आँखे भी दिखाई हैं कि उनकी जवानी किसको मिलेगी इसका फैसला सिर्फ वे ही कर सकती हैं| कहने का मतलब है कि हिंदुस्तान किसी का एहसान नहीं रखता उसका, हमेशा अपर हैण्ड रहेगा|

इस देश की जनता ने आजादी के बाद खूब मेहनत और तरक्की की| पहले एक कमरे में ८-१० लोग रहते थे, अब एक आदमी ८-१० कमरों में रहता है| चार लोगों का मुकेश अम्बानी का परिवार ४५३२ स्क्वायर मीटर में बने, १७३ मीटर ऊँचे, २७ मंजिला एंटिला में रहने पर मजबूर है| हाल ही में इस महान उदार आत्मा ने देश हित में एलपीजी सब्सिडी भी छोड़ दी है| जिनकी साइकिल की औकात नहीं थी आज २-३ गाड़ियां मेंटेन करते हैं| एसी कमरों में बैठकर महंगाई पे चिंतन करते हैं| शराब कितनी भी महंगी हो एफोर्ड हो जाती है लेकिन दूध कैसे अफोर्ड करें बड़ी परेशानी की बात है| पानी २० रु लीटर और दूध ४० रु लीटर, ये कैसा न्याय है, दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए| पेट्रोल के दाम बढ़ने से डर नहीं लगता बाबू डर लगता है सरसों के तेल के दाम से| इतना महंगा खाना कौन बनाए इसलिए लोग बाहर से पिज्जा माँगा लेते हैं या बाहर ही खा लेते हैं| खुद कभी एक गाजर भी नहीं उगाई होगी लेकिन किसानो की इन्हें बड़ी चिंता रहती है| इनकी जड़ें चालीसवें माले से भी मिटटी से जुडी रहती हैं|

नरेन्द्र मोदी फेल हो गए, बड़े-बड़े दावे करते थे| मनमोहन भी ख़राब थे, तभी उनकी सरकार चली गई| जो भी सरकार में होगा वो ख़राब होगा क्यूंकि सरकारें महंगाई बढाती हैं| देश की जनता तरक्की करती रहे, इनके मकान की ऊंचाई बढती रहे, प्रॉपर्टी, गाड़ियों की संख्या बढती रहे, रोज मंहगी शराब के दौर चलते रहें, चिकन-मटन पकते रहें लेकिन दाल के रेट न बढ़ें, प्याज आंसू न निकाले| पिज्जा स्वीट्स और अन्य ब्रांडेड मिठाइयाँ १०००-३००० रु किलो तक भले हो जाएँ पर दाल हमेशा १० रु किलो ही रहे| सब्जी तो ऐसे ही उग जाती है, सस्ती रहे, गाय सड़कों पे घुमती रहती है तो दुध तो सस्ता ही होना चाहिए| हफ्ते में मूवी देखना, माल में शोपिंग करना भारी नहीं पड़ता लेकिन दाल, और वो भी अरहर की | उफ़ अब क्या होगा? दिन भर एसी ऑफिस में बैठकर लैपटॉप पे काम करते-करते थककर चूर हो जाने के बाद एसी गाडी से घर लौटकर फ्रेश होकर लवली पैग के साथ ५२ इंच के एलईडी मानिटर पे जब दाल के भाव सुनते हैं तो सारा नशा हिरन हो जाता है| महंगी शराब बेकार हो जाती है| पैक करवाकर लाया चिकन बेस्वाद हो जाता है|

अगर सरकार मुझे अपना अरहर दाल संकट सलाहकार बनाले तो मैं लोगों को यही समझाऊंगा कि देखो भाइयों आजकल यूरिक एसिड बढ़ने और गठिया की समस्या बहुत आम हो गई है, और दाल से यूरिक एसिड बढ़ता है और अभी हाल की रिसर्च से पता चला है कि अरहर की दाल से गठिया ही नहीं बल्कि कैंसर का भी खतरा है| और यह भी रिसर्च में आया है कि प्याज से आँखों का पानी निकल जाने से आँखें सूख कर काले-सफ़ेद मोती निर्माण करती हैं| जैनियों को यह राज वर्षों पहले पता चल गया था इसलिए वे भी प्याज नहीं खाते| रामदेव भी आह्वान कर रहे हैं कि दाल नहीं खरीद सकते तो जो भी सबसे सस्ती सब्जी हो वो खा लो| बच्चे भी बड़ों से ज्यादा समझदार हैं जो दाल के बजाय पिज्जा-बर्गर खाकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं| पत्नियाँ भी दाल पर फिजूलखर्ची से परेशान हैं इसलिए महंगी दाल पकाने की बजाय बाहर होटल का खाना उन्हें सस्ता जान पड़ता है| एश्वर्या भी अभिषेक के साथ इसीलिये ज्यादा नहीं दिखतीं क्यूंकि वो अरहर दाल पकाने की जिद करता है| अरहर की दाल के सेवन से महिलाओं के सौंदर्य और फिगर के बिगड़ने की भी सम्भावना रहती है|

इसलिए दोस्तों जैसे राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार लौटाकर देश की एकता, अखंडता और सहिष्णुता को बचाया जा सकता है, वैसे ही अरहर और प्याज सरकार को लौटाकर न केवल स्वस्थ भारत निर्माण हो सकता है बल्कि देश की आर्थिक परिस्थिति भी सुधारी जा सकती है और महंगाई पर भी काबू पाया जा सकता है| ‘उत्तिष्ठ भारतः’ और जिसके पास जितनी भी अरहर दाल और प्याज हों, इसे सरकार को लौटाने का अभियान चलायें| फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पे अरहर और प्याज के खिलाफ मुहीम छेड़ें और इतना शेयर करें कि अरहर और प्याज को बर्बाद कर दें| जैसे मैगी को एक सुनियोजित कैम्पेन चलाकर बर्बाद किया है वैसे ही अरहर और प्याज को भी बर्बाद कर दें| जैसे स्पेन में टमाटर की होली खेली जाती है वैसे ही अरहर और प्याज की होली खेलें| अरहर को प्याज के साथ पकाकर गरीबों में बाँटें जिससे कि गरीबों और गरीबी दोनों का समूल नाश किया जा सके| बोलीवुड के तीनों खानों को इस अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनवाने का अभियान चलायें जो अरहर और प्याज को पाकिस्तान के सिंध प्रांत की पैदावार बताकर इसे भारतीयों के लिए पकिस्तान की रहमत बताकर इसके प्रति भारतीयों में नफरत पैदा करेंगे|

मैं उद्धव ठाकरे को बताऊंगा कि गुलाम अली, अदनान सामी, राहत फते अली जैसे पाकिस्तानी कलाकार इस देश की फिजाओं में संगीत के माध्यम से अरहर और प्याज के सुर छेडकर जहर घोलने और आतंकवाद को बढ़ावा देने की साजिश कर रहे हैं और कसूरी अपनी शांति के सन्देश की पुस्तक नहीं बल्कि भारत की धरती पर अरहर और प्याज उगाने की साजिश करने आये थे| यही नहीं, शहरयार खान पाकिस्तानी क्रिकेट की गेंदों में प्याज भरकर आक्रमण करने की योजना बना रहे थे जिससे भारतीयों की आँखों में काले सफ़ेद मोती बना सकें| मैं राहुल गाँधी को बताऊंगा कि अरहर और प्याज गोलवरकर जी की देन है और साम्प्रदायिकता की कीचड में फलती है| मैं मोदी जी से कहूँगा कि वो मन की बात में बताएं कि अरहर और प्याज नेहरु-गाँधी परिवार के खानदानी खाद्य-पदार्थ हैं और इनसे अंग्रेजियत की बू आती है, इसी की वजह से काला धन देश में नहीं आ पा रहा|

इस लिए मेरे प्यारे देशवासियों अरहर दाल का पूर्णतः परित्याग कर स्वस्थ और समृद्ध भारत का निर्माण करने में अपना अमूल्य योगदान दें| महंगाई को काबू करने का सबसे मजबूत अस्त्र यही है कि समूचा देश उस चीज का पूर्णतः बहिष्कार कर दे जो महंगी है| फिर देखिये उसकी कीमत दो पैसे की भी नहीं रहेगी|

तो आओ साथियों, ‘अंग्रेजों भारत छोडो’ की तर्ज पर ‘भारतीयों अरहर छोडो’ का नारा बुलंद करें|

जय हिंद, जय भारत|

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